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Atiq Ahmed Murder: माफिया अतीक अहमद की हत्या की खबर से ट्रेंड में सोशल मीडिया

Atiq Ahmed Murder

Atiq Ahmed Murder: मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (कैल्विन अस्पताल) में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या की खबर फैलते ही सोशल मीडिया ट्रेंडिंग में आ गया। कुछ लोगों ने घटना पर नाराजगी जताई तो कुछ ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।

Atiq Ahmed Murder को लेकर यूजर्स का अलग-अलग जवाब  

 कई लोगों ने लिखा कि क्या लोकतंत्र में भी ऐसा होता है। वहीं, एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि समय के साथ लूप के इस्तेमाल की संभावना जहां से शुरू होती है वहां से अंत तक जुड़ने की वजह से है। बाकी रॉयल्टी है। किसी ने लिखा, आखिर दीया तो फर्श पर मिल गया। फिर पोस्ट कैमरे पर दिखाई दी… कुछ सेकेंड और दो ढ़ेर।

एक यूजर ने लिखा कि काला अध्याय खत्म हो गया। एक पोस्ट आई, विंगर के बारे में अच्छा मत बोलो, विंगर के लिए चुप मत रहो। अतीक के साथ यूपी पुलिस और सरकार की भी साख? कई सवाल हैं…. एक उपयोगकर्ता ने आखिरी बार पोस्ट किया।

अभिषेक कुशवाहा ने लिखा कि जो लोग पूछते हैं कि पुलिस सुरक्षा में अतीक अशरफ की मौत कैसे हुई, सुनिए… जैसे उमेश पाल और दो गनर पुलिस सुरक्षा में मारे गए, वैसे ही इन दोनों की भी मौत हो गई। मारे गए सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एक पोस्ट आई, आज जो हुआ उसके बाद उत्तर प्रदेश का कोई भी ठग गैंगस्टर बनने से पहले हजार बार सोचेगा, ये सब मिट्टी में मिला दिए गए हैं। यह भी लिखा गया कि एनएचएसपीए प्रमुख ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए। सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

UP Today News: जब अचानक पुलिस सुरक्षा घेरे के बीच किसी की मौत हो सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता में भय का माहौल पैदा हो रहा है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा माहौल बना रहे हैं।

इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या लोकतंत्र में ऐसा संभव है। प्रयागराज आयुक्त के समक्ष कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए अधिकार सेना प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने लिखा कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के कार्यवाहक न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। वहीं हाइड्रोलिक पावर मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने लिखा है कि पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है।

असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि अतीक और उनके भाई को पुलिस हिरासत में रखा गया और हथकड़ी लगाई गई, जय श्री राम के नारे भी लगाए गए। दोनों की हत्या योगी की कानून व्यवस्था की विफलता है। राजसभा मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार हैं।

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