UP Today News Ayodhya: राम मंदिर के भूतल (गर्भगृह) का काम अब अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। इस समय पत्थरों में मेहराब बनाने का कार्य जारी है। अगले महीने से रामलला के घर की छत की ढलाई का काम शुरू हो जाएगा। राम मंदिर के गर्भगृह का परिक्रमा पथ भी बनाया गया है।
मेहराब वास्तुकला का एक शानदार नमूना है जो किसी भी संरचना में लालित्य और सुंदरता जोड़ सकता है। मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर कई जगहों पर मेहराब बनाने का काम किया जा रहा है। बीम के सभी पिलर भी तैयार हो चुके हैं। इस महीने यह काम पूरा होते ही मई से राम मंदिर की छत ढलाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
राम मंदिर के गर्भगृह का परिक्रमा पथ भी बनाया गया है। मेहराब वास्तुकला का एक शानदार नमूना है जो किसी भी संरचना में लालित्य और सुंदरता जोड़ सकता है। मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर कई जगहों पर मेहराब बनाने का काम किया जा रहा है।
राम मंदिर में दो परिक्रमा पथ बनाए जा रहे हैं, जिनसे गर्भगृह का परिक्रमा पथ बनाया गया है। सिर्फ पुजारी ही गर्भगृह की परिक्रमा कर सकेंगे। मंदिर परिसर की परिक्रमा का काम अंतिम चरण में है। यह परिक्रमा पथ कीर्तन मंडप से शुरू होकर भजन मंडप तक जाता है।
मंदिर का सिंहद्वार पहला प्रवेश द्वार होगा। प्रवेश द्वार पर लगी 32 सीढ़ियां भी लगभग तैयार हो चुकी हैं। मंदिर के घर का मंडप भी तैयार हो चुका है। गृहमंडप का द्वार मकराना संगमरमर से बना है। ऊपरी दीवारों पर मार्बल लगाने का काम किया जा रहा है।
गर्भगृह का गेट 12 फीट चौड़ा होगा। UP Today News
राम मंदिर के गर्भगृह का कपाट महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से बनेगा। महाराष्ट्र में सागौन की कटाई जारी है। पहली खेप जल्द ही अयोध्या पहुंचेगी। गर्भगृह का द्वार 9 फुट ऊंचा और 12 फुट चौड़ा होगा। फाटक सोने से मढ़ा जाएगा। मूल गर्भगृह में श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे, पुजारी, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ही जा सकेंगे।
डॉ. अनिल मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य
राम मंदिर के भूतल का 70 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। अगले महीने से मंदिर की छत को ढालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मई और जून में क्राउन मोल्डिंग का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। काम की गति बढ़ाने के लिए कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। दिसंबर 2023 तक ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार हो जाएगा।