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नवरात्र 2023: मां शैलपुत्री व्रत से नवरात्रि प्रारंभ, गाय के घी का भोग लगाएं

Navratr 2023

Navratr 2023: नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री के व्रत से हो रही है। मां शैलपुत्री को सफेद फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद माता को गाय के घी से भोग लगाएं। भोग लगाने से मां के भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर कलश की स्थापना करें। इसके बाद मां दुर्गा के रूप में मां शैलपुत्री की पूजा कर वरदान प्राप्त करें।

पंडित विजय भारद्वाज ने कहा कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के नौ दिनों का विशेष महत्व है। व्रत के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है। स्नान के बाद कलश में कलावा बांधें और कलश में सुपारी, फूल, अक्षत, सिक्के डालकर जल भर दें। इसके बाद स्वस्तिक बनाकर आम की डाली, नारियल में लाल वस्त्र लपेटकर चावल का अष्टकोण बनाकर उस पर कलश स्थापित करें।

मां की मूर्ति को लाल रंग के आसन पर रखकर देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद मां कथा और मंत्रों से पूजा शुरू करें।

पहले दिन मां शैलपुत्री को सफेद फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें और गाय के घी का भोग लगाएं। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को पीला वस्त्र, गुड़हल का फूल और पंचामृत अर्पित करें। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को सुनहरा या पीला वस्त्र, सफेद कमल का फूल और दूध या खीर का भोग लगाएं। चौथे दिन मां कुष्मांडा को नीला वस्त्र, पीले कमल का फूल और दही अर्पित करें।

पांचवें दिन मां स्कंदमाता को हरे वस्त्र, लाल गुलाब के फूल और केले के फल अर्पित करें। छठे दिन मां कात्यायनी को पीले वस्त्र, लाल गुलाब के फूल और शहद अर्पित करें।

सातवें दिन मां कालरात्रि को लाल वस्त्र, सोलह आभूषण, गुड़हल के फूल, भूरी शक्कर से बना नैवेते अर्पित करें। आठवें दिन मां महागौरी को सफेद वस्त्र, मोगरा फूल और नारियल अर्पित करें। नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को लाल वस्त्र, चंपा पुष्प, अनार और तिल अर्पित करें।

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