वीडियो में रिश्वत मांगने का दावा कर रहे 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार फिलहाल मेरठ में एएसपी ग्रामीण के पद पर तैनात हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के जवाब में मेरठ पुलिस ने लिखा कि यह वीडियो दो साल से ज्यादा पुराना है।
आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार का वाराणसी में पोस्टिंग के दौरान एक स्कूल प्रिंसिपल को रेप केस से बचाने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगते हुए एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर राज्य सरकार को घेरा तो अधिकारी के खिलाफ आनन-फानन में जांच प्रक्रिया और उन्हें क्लीन मत देने की जांच सवालों के घेरे में आ गई. सरकारी सूत्रों की मानें तो इस मामले में किस आधार पर आईपीएस को हरी झंडी दी गई, इस पर फिर से विचार किया जाएगा।
रिश्वत मांगने का आरोप 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी पर है ।
वीडियो में रिश्वत मांगने का दावा कर रहे 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार फिलहाल मेरठ में एएसपी ग्रामीण के पद पर तैनात हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के जवाब में मेरठ पुलिस ने लिखा कि यह वीडियो दो साल से ज्यादा पुराना है। जिसका मेरठ से संबंध नहीं है। मामले के संबंध में जांच पहले ही समाप्त हो चुकी है। गौरतलब है कि दो साल पहले यह मामला डीजीपी महानिदेशालय के संज्ञान में आने के बाद गोपनीय जांच की गई थी. जांच में क्लीन ग्रेड मिलने के बाद उन्हें प्रमोशन भी मिला। हालांकि किस आधार पर आईपीएस को जांच में हरी झंडी दी गई, इस पर वरिष्ठ अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे पाए।
भाजपा की झूठी जीरो टॉलरेंस की सच्चाई : अखिलेश
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूपी में एक आईपीएस की बरामदगी के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर का रुख उनकी ओर बदल जाएगा या फिर लीक में एक नाम और जोड़ने में जुट जाएगी बीजेपी सरकार सूची आईपीएस मैं इसे ठीक कर दूँगा। यूपी के लोग देख रहे हैं कि अपराध के प्रति भाजपा की जीरो टॉलरेंस की यही सच्चाई है।
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