uptak

UP News Today: पूर्वांचल की मजबूती के साथ शाह ने 2024 के चुनाव अभियान की शुरुआत की, सपा के गढ़ में भाजपा की दहाड़

UP News Today

UP News Today: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के पूर्वांचल क्षेत्र को मजबूत कर लोकसभा चुनाव में भाजपा के अभियान की शुरुआत कर दी है। शाह ने कौशांबी और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के लिए प्रचार करते हुए अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। शाह ने स्पष्ट संदेश दिया कि भाजपा लोकसभा चुनाव में विकास के साथ-साथ राष्ट्रवाद को भी हथियार बनाएगी। नगरीय निकाय चुनाव के जरिए लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार करने के लिए शुक्रवार को कौशांबी महोत्सव में सरकार और भाजपा संगठन पूरी ताकत से मंच पर नजर आया। 

UP News: कौशांबी जिले का राजनीतिक समीकरण ऐसा है कि इसे किसी भी राजनीतिक दल का पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र नहीं कहा जा सकता है। कौशांबी के वोटरों ने वक्त और हालात के हिसाब से फैसले लिए हैं और समय-समय पर गद्दी पलटी है। इसलिए तमाम राजनीतिक दलों के रणनीतिकार कौशांबी को आसान सीट मानने की गलती नहीं करते। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विनोद सोनकर भले ही 49,000 वोटों से चुनाव जीत गए हों। 

लेकिन, उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में कौशांबी से बीजेपी का पूरी तरह से सफाया हो गया। यहां तक ​​कि बीजेपी के आग लगाने वाले नेता और सीएम सांसद केशव प्रसाद मौर्य भी सिराथू चुनाव हार गए। कौशाम्बी जिले के चैल से सपा की पूजा पाल, सिराथू से पल्लवी पटेल और मंझनपुर (सुरक्षित) से इंद्रजीत सरोज सपा के विधायक हैं।

वहीं आजमगढ़ को सपा की पारंपरिक सीट भी माना जाता है। हालांकि 2022 में हुए आजमगढ़ उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन सामाजिक समीकरण के हिसाब से सपा के गढ़ में सेंध लगाना आसान नहीं है।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी पर अपने पहले राजनीतिक कार्यक्रम में कौशांबी और आजमगढ़ को नहीं चुना है। विकास के मामले में पिछड़े कौशांबी में पिछड़े, अति पिछड़े और दलित वोट बैंक का दबदबा है। जबकि आजमगढ़ में सपा के पारंपरिक मुस्लिम और जावद वोट बैंक का दबदबा है। इस तथ्य के बावजूद कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 80 मिशन सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है।

यूपी की रोजमर्रा की राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ शाह जानते हैं कि इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं है। विशेष रूप से क्षेत्र के पिछड़े और दलित बहुल क्षेत्रों को संबोधित किए बिना मिशन को पूरा नहीं किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पार्टी के लिए हर सीट अहम है. तय रणनीति के तहत शाह के चुनाव प्रचार की शुरुआत कौशांबी और आजमगढ़ से की गई। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी व संगठन महासचिव धर्मपाल सिंह समेत पूरी सरकार व संगठन की मौजूदगी में शाह ने जनता के बीच चुनावी एजेंडा पेश किया. . .

मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का भरोसा जताया। UP News Today

शाह ने कौशांबी भूमि में वीरांगना दुर्गा भाभी, भगवान राम और सम्राट अशोक का जिक्र करते हुए 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत के लिए जनता को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने 2024 के लिए कौशांबी के लोगों के मूड को भांपने के लिए आभार व्यक्त किया, शाह ने पूछा कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में क्या करेंगे, जब लोगों ने मोदी, मोदी के नारे लगाए, तो शाह ने यूपी के महत्व को समझाया और कहा कि यह आवाज कौशाम्बी से निकले मोदी देश भर में हैं। यह फिर से पीएम को संदेश देगा।

राष्ट्रवाद को हवा दी

अमित शाह ने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण में कांग्रेस द्वारा देरी की जा रही है, सपा द्वारा डायवर्ट किया जा रहा है और बसपा द्वारा रोका जा रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि में मंदिर का शिलान्यास किया। 

उन्होंने दावा किया कि सपा, बसपा और कांग्रेस नहीं चाहती थी कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म हो, लेकिन मोदी ने कलम से इसे खत्म कर दिया और साफ कर दिया कि कश्मीर हमारा है।

अमित शाह और सीएम योगी ने आजमगढ़ में विकास परियोजनाओं की सौगात भी दी। आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है। हालांकि, 2022 में हुए उपचुनाव में वहां बीजेपी की जीत हुई थी। लेकिन उस वक्त सपा इस बात से हैरान थी कि बसपा ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा था।

वहीं, सत्ताधारी पार्टी होने का फायदा भी बीजेपी को मिला। 2024 में भी आजमगढ़ पर कब्जा करने के लिए बीजेपी ने अमित शाह के जरिए वहां चुनावी तैयारी शुरू की थी। सरकार व संगठन की ओर से हर संभव प्रयास आजमगढ़ पे कब्जा सुनिश्चित करने का है कि 2024 में भी आजमगढ़ में कब्जा बरकरार रहे।

सम्वन्धित खबरें यहां पढ़े – 

Related Post

Related Post