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UP Today News बिजनौर: भालू के वेश में बंदरों का पीछा करते ग्रामीण

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UP Today News Bijnor: किसानों ने बंदरों के आतंक से निजात पाने का तरीका ढूंढ निकाला है। वह भालू का वेश धारण कर बंदरों को भगा रहा है। उसे देखकर बंदर भी गांव छोड़कर जंगल की ओर भाग जाते हैं।

मां. कीर्ति, महेंद्र, रॉबिन्स, गगन, हरवेंद्र, दानवीर, आबिद, सोमदेव और ओमप्रकाश कहते हैं कि किसान आवारा पशुओं के हमलों से चिंतित हैं और गुलदार को भी बंदरों के खतरे के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। बंदर घरों में घुसकर छत पर सूख रहे कपड़ों को फाड़ रहे हैं साथ ही आंगन में खाना बना रही महिलाओं को भी परेशान कर रहे हैं।

वे सेम की बेल, सिंगिंग लौकी और लौकी को नष्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही खेतों में कोहराम मचाकर बरसीम, गन्ना, गेहूं व बाजरा की फसल भी बर्बाद होने वाली है। उन्हें डराने के लिए भालू के वेश में ग्रामीण बंदरों के पीछे भागते हैं। उन्हें देखकर बंदर भी डरकर भाग जाते हैं।

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Image Credit : Google

दो दशक से अधिक समय से बंदरों का झुंड कहर बरपा रहा है। दौलतपुर सुखा और सलावा के ग्रामीण बंदरों को भगाने के लिए लंगूर लाए थे। शुरू में बंदर लंगूरों से डरते थे, चूंकि लंगूरों को रस्सियों से बांध दिया गया था, इसलिए बंदरों ने पेड़ों की ऊंची शाखाओं पर बैठकर ग्रामीणों को परेशान करना शुरू कर दिया।

आजकल बंदरों का खौप इतना बढ़ गया है कि गांव वालों को इससे निजात पाने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ रहा है। बंदरों को भगाने के लिए लोग भालू के कपड़े पहनकर उन्हे भगाने का प्रयास कर रहे है। बंदरों ने फसल, कपड़े और घरों में लगे सेम की बेल और लौकी तवाह करके रख दी है। 

इतना ही नहीं, घर में खाना बना रहीं महिलाओ को इतना परेशान कर दिया है कि, वे बंदरों से बहुत दर गईं है। कईं ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिनमे बंदरों के द्वारा लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोने पड़ गए है। अगर अपके पास बंदरों से छुटकारा पाने का कोई उपाय है तो आप अपनी राय कमेन्ट सेक्शन में बता सकते हैं। 

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