UP Today News मेरठ: निकाह से पहले ही असद मारा गया एनकाउंटर में, रिश्ता हो गया था तय
UP Today News मेरठ: मेरठ निवासी उनके साले डॉ. अखलाक का परिवार भी माफिया अतीक मामले से अछूता नहीं था। अखलाक को पहला झटका तब लगा जब उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही कुछ दिन पहले उसकी पत्नी आयशा नूरी पर भी हत्याकांड का आरोप लगा था।
जबकि अखलाक फिलहाल जेल में है और उसकी पत्नी लाम पर है। इन सबके बीच अखलाक और उसके परिवार को एक और बड़ा झटका माफिया अतीक के बेटे असद से मिलना है। क्योंकि असद और अखलाक की बेटी का निकाह कुछ महीने बाद ही होना था। उनका रिश्ता भी तय हो गया था।

बुधवार को प्रयागराज की टीम और लखनऊ एसटीएफ ने झांसी में हुई मुठभेड़ में असद और शूटर गुलाम को मार गिराया। असद के एनकाउंटर से अखलाक का परिवार उतना ही प्रभावित है जितना कि अतीक का परिवार।
बताया जाता है कि 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड से पहले भी दोनों परिवारों ने रिश्ते में सुलह करा ली थी। इसके बाद उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
ऐसे में अखलाक और अतीक के परिजन कह रहे थे कि उमेश पाल हत्याकांड की गुत्थी सुलझते ही दोनों की शादी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। क्योंकि उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद ने इतनी सुर्खियां बटोरी थीं कि उस पर पांच लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।

असद और गुलाम ने भी मेरठ में शरण ली थी। UP Today News
उमेश पाल हत्याकांड के बाद मोस्ट वांटेड असद और गुलाम भी मेरठ आ गए थे, जो यहां कुछ समय अखलाक के घर रुके थे। अखलाक ने उसकी आर्थिक मदद की थी। इसके बाद से असद और गुलाम कभी दिल्ली तो कभी कहीं और छिप गए। आखिरकार गुरुवार को उसे एसटीएफ ने पकड़ लिया।

एसटीएफ के रडार पर असद और गुलाम के अलावा गुड्डू मुस्लिम समेत अन्य शूटर भी थे. जो अभी तक भगोड़े हैं, लेकिन असद और गुलाम की मुलाकात के बाद अब उन लोगों की भी कुंडली खंगाली जाएगी जिनके साथ हाल ही में असद की फोटो वायरल हुई थी। जांच दल को शक है कि इन लोगों ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद को शरण भी दी थी। फिलहाल लोगों में दहशत का माहौल है।
UP Today News मेरठ: आखिर इन बच्चों का क्या कसूर है, इनकी परवरिश अब कौन करेगा? सभी के जहन में बस यही सवाल…..
UP Today News मेरठ: अपने भाई-बहनों को याद कर सिरसाली गांव के सरोज व उसके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। घर में चूल्हा ठंडा पड़ा है। बच्चे भी भूख-प्यास से तड़प कर रोते-रोते सो गए। आंखें खोलकर पूछता था मां कहां है। वहीं, रहवासियों का कहना है कि शराब के नशे में युवक द्वारा इस घटना को अंजाम देने से पूरे कस्बे में बदनामी हो रही है।यह बात पीढ़ियों तक चलेगी।
बागपत के शबगा गांव में हत्याकांड के दूसरे दिन भी सन्नाटा छाया रहा। तीनों का अंतिम संस्कार रात करीब नौ बजे यमुना घाट पर किया गया। मनोज के भतीजे ने उसे चालू किया। वहीं गुरुवार की सुबह उनकी अस्थियां यमुना में विसर्जित कर दी गईं।

उधर, इस हत्याकांड के बाद कस्बे की सड़कें वीरान हो गईं। ग्रामीणों के मन में एक ही सवाल था कि अब बच्चों की देखभाल कौन करेगा। इस घटना से पूरा परिवार तबाह हो गया।
बच्चों का क्या कसूर है कि उनके सिर से परवरिश का साया हट गया है। गमगीन माहौल में दूसरे दिन भी चूल्हा ठंडा रहा। घर में मौजूद प्रतिवादी सरोज की बुआ, बेटी अंजू के अलावा चार मासूम बच्चों में पांच वर्षीय कोमल, चार वर्षीय परी, तीन वर्षीय अमर व दो वर्षीय अंशु भूख और प्यास से तड़प रहे थे।

बताया जाता है कि कोमल गांव का मंगलम शिक्षा निकेतन की नर्सरी में पढ़ता है। अपने भाइयों और बहन की हत्या को याद करके सरोज बार-बार रो पड़ी। उधर, बच्चे भी रोते-रोते सो गए, जब वे उठे तो पूछा कि मां कहां हैं। मौसी की बेटी अंजू बच्चों को किसी तरह चुप कराने की कोशिश करती है और खुद ही रोने लगती है।

पुलिस ने ऋषिपाल, श्रीपाल और वीरमती की हत्या करने के बाद हत्यारे अंजुल उर्फ मालू, पत्नी पूजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रात भर बच्चे सरोज के पास रहे। गुरुवार की सुबह बच्चे ऋषिपाल के मौसेरे भाई ब्रजपाल के घर रुके थे, लेकिन बाद में सरोज के यहां आ गए। बताया जाता है कि अब बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी सरोज के कंधों पर है।
यमुना में धक्का दिया, मौत हुई, पुलिस कार्रवाई नहीं हुई, समझौता हो गया था। UP Today News

ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2009 में हत्यारे अंजुल उर्फ मालू ने गांव के एक लड़के को यमुना में धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी। कई दिन बाद लड़के की लाश मिली, लेकिन इस पर कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि कुछ लोगों से समझौता हो गया था।
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