UP Today News Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ग्यारह साल की एक मासूम बच्ची के साथ ऐसा अत्याचार किया गया कि आप भी दंग रह जाएंगे। गंभीर रूप से घायल इस बच्ची को छावनी बोर्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों को उसके शरीर पर कई जगह यातना के निशान मिले हैं और उसके प्राइवेट पार्ट से लकड़ी के टुकड़े मिले हैं।
बच्ची को अस्पताल लाने वाली महिला ने डॉ. सिद्धार्थ पांडेय को फोन कर कहा कि भाई-बहन के मामूली झगड़े में बच्ची जख्मी हो गई है।
लड़की का कहना है कि गलती करने पर उससे जबरदस्ती नौकर का काम कराया जाता था और जानवरों की तरह पीटा जाता था। शुक्रवार को भी महिला ने पैसे चोरी करने का आरोप लगाया और बेरहमी से पीटा।
इसके बाद जब अगली सुबह वह उसे अस्पताल ले गई तो घाव देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। डॉ. पांडेय ने बताया कि एक्स-रे रिपोर्ट में उनके प्राइवेट पार्ट समेत कई पुरानी चोटें भी सामने आई हैं। जब महिला से चोटों के बारे में पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई, जिसके बाद अस्पताल ने पुलिस को सूचित किया और उसे हिरासत में ले लिया गया।
पिता ने बेच दिया मां की मौत के बाद
होश में आने के बाद बच्ची ने जो बातें बताईं वह बेहद डरावनी हैं। युवती ने बताया कि वह लखनऊ के चौक इलाके की रहने वाली है। उनके पिता का नाम रामबाबू है, जो दिहाड़ी मजदूर हैं। मां की मौत के बाद पिता ने उसे तीन युवकों को बेच दिया, जिसके बाद उसे कानपुर ले जाया गया। यहां उसके साथ और भी लड़कियां थीं।
कुछ दिनों बाद उन्होंने प्रयागराज के सिन्हा दंपती से समझौता कर लिया। आर्मी कॉलेज में शिक्षक अरुण सिन्हा और उनकी पत्नी अंजना सिन्हा बच्ची को अपने साथ प्रीतम नगर सनशाइन अपार्टमेंट ले गए।
युवती ने कहा कि यहां उन्होंने उससे नौकर का काम कराया। अगर वह कोई गलती करता तो अंजना उसे जानवरों की तरह पीटती थी। अरुण सिन्हा भी चुपचाप पत्नी की हरकतों को देखते रहे। शुक्रवार को अंजना ने उस पर पैसे चोरी का आरोप लगाया और उसे बुरी तरह पीटा। अंजना के हाथ में मोच इतनी बुरी तरह टूट गई कि उसके कूल्हे की हड्डी भी टूट गई है इसलिए वह बैठ भी नहीं पा रही है। इसके अलावा उसके शरीर पर जलने के गहरे निशान और जख्म हैं।
बच्ची पिता के पास नहीं जाना चाहती
जब बच्ची से पूछा गया कि क्या वह ठीक होने के बाद अपने पिता के पास जाना चाहेगी तो वह रोने लगी। उन्होंने कहा कि पिता उन्हें हमेशा बोझ समझते थे। वे उसे हर समय उल्टा-सीधा कहते थे और फिर भी उसे ठीक से खाना नहीं मिलता था, अब वह कहीं नहीं जाना चाहती।
प्राइवेट पार्ट में मिले लकड़ी के टुकड़े
स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बच्ची की जांच की, जिसमें उसके गुप्तांग में लकड़ी के टुकड़े मिले। बच्ची के हाथ में फ्रैक्चर भी था। लड़की ने यह भी खुलासा किया कि उसे नियमित रूप से भूखा रखा जाता था और महीने में 14 दिनों से अधिक समय तक खाना नहीं दिया जाता था।
धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्य ने बताया कि आरोपी महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के नतीजों के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे। छात्रा का इलाज छावनी परिषद अस्पताल में चल रहा है।