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UP Today News: सर्दी, जुकाम और बुखार के बीच फैल रहा इन्फ्लुएंजा, स्कूल ऑफ मेडिसिन में दो और मरीजों की पुष्टि

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UP Today News:अलीगढ़ में इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसका उदाहरण जेएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में हर दिन देखने को मिल रहा है। तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान और सूखी खांसी के लक्षण वाले मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है।

सर्दी, जुकाम और बुखार के बीच इंफ्लुएंजा लगातार रफ्तार पकड़ रहा है। जेएन मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हल्के लक्षण वाले दो अन्य संदिग्ध मरीजों में इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई। जिन लोगों ने उपचार और दवा प्राप्त की है उन्हें घर पर रहने की सलाह दी गई है।

इस दौरान एक बात देखने को मिल रही है कि इस बीमारी में बच्चों के साथ-साथ सांस के मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही है. वहीं जिला प्रशासन के स्तर पर इसकी जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। दीनदयाल जिला अस्पताल में लगातार मरीज भी पहुंचते हैं। लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण वे अभी भी काफी परेशान हैं।

शहर में इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसका उदाहरण जेएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में हर दिन देखने को मिल रहा है। तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान और सूखी खांसी के लक्षण वाले मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है। सांस के मरीजों को भी ज्यादा परेशानी होती है।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार को हुई जांच में दो मरीजों में फ्लू की पुष्टि हुई है. जिन्हें उपचार के बाद घर भेज दिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रचारक डॉ. राकेश भार्गव के मुताबिक हल्के लक्षण वाले दो नए मरीजों की पुष्टि हुई है. निमोनिया के मरीज भी लगातार सामने आ रहे हैं।

निमोनिया भी जोर पकड़ रहा, दस मरीज भर्ती

इस बीमारी के बीच निमोनिया भी जोर पकड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 60 से 70 मरीज आते हैं। उनके गंभीर मरीजों को टीबी व थोरैक्स विभाग में भर्ती कर इलाज कराया जाता है। दस मरीज आईसीयू में भर्ती हैं।

डॉक्टरों की कमी से मरीज बेहाल 

जिला अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी लगातार परेशानी का सबब बनी हुई है। शुक्रवार को भी दोनों अस्पतालों में मरीजों की भीड़ रही। लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण ओपीडी में मरीज घूमते रहे। किसी तरह जिला अस्पताल में व्यवस्था कराई गई। लेकिन दीनदयाल की हालत और भी खराब थी। स्थिति यह रही कि ओपीडी में चिकित्सक नहीं रहने से मरीज इधर-उधर भटकते रहे।

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