UP Today News: राज्य सरकार नगरीय निकायों के चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए कानून में सुधार करने जा रही है। अब ओबीसी को स्थानीय राज्य संगठन के समर्पित प्रतिगामी वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर आरक्षित किया जाएगा।
UP Nikay Chunav: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2023, उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम में आवश्यक संशोधन के लिए प्रारूप अध्यादेश पारित किया गया। इस सुधार के बाद मेयर और चेयरपर्सन सीटों के आरक्षण में बड़ा बवाल होने की आशंका है।
कैबिनेट बैठक के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण का उचित लाभ दिया जाए। उच्च न्यायालय के आदेश से स्थानीय निकायों को समर्पित उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। आयोग ने नौ मार्च को अपनी रिपोर्ट सरकार को पहले ही सौंप दी थी। आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी रखी गई थी, इसी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरक्षण कराते हुए चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
अध्यादेश संशोधन के लिए अनुमोदित। UP Today News
उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर परिषदों और नगर निगमों के कानून में सुधार जरूरी है। इसलिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी, जो मिल गई है। अब यह अध्यादेश राज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कानून में क्या संशोधन होने जा रहे हैं, इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि मामले की जानकारी गुरुवार को दी जाएगी।
शहरी विकास मंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों में अधिसूचना प्रक्रिया शुरू करने को कहा था, राज्य सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे शुरू कर दिया है।
मंत्री ने बताया कि राज्यपाल की स्वीकृति के बाद महापौर और अध्यक्ष पदों के लिए अनंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव की आहट कब जारी होगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काम राज्य चुनाव आयोग का है। आयोग खुद अधिसूचना जारी करेगा।
राज्यपाल को अध्यादेश भेजा गया
अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी के बाद बुधवार रात राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत चुनावी जरूरतों को देखते हुए गुरुवार को राज्यपाल द्वारा इस अध्यादेश को मंजूरी दी जा सकती है।
इसके बाद नगर परिषदों और नगर निगमों के कानून में सुधार को लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके तत्काल बाद नगर निगम के मेयर, नगर परिषद के अध्यक्ष और नगर पंचायत के अध्यक्ष के लिए सीट आरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
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