UP Today News Aligarh: अलीगढ़ महानगर के जाकिर नगर में बेटे द्वारा माता-पिता की हत्या का लाइव वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को ध्यान से देखने पर एक खांसी की दवाई रखी है, जिसका इस्तेमाल युवा नशे के लिए कर रहे हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि सिरप किस काम के लिए रखा गया था। लेकिन वह सीरप कुछ इशारा कर रहा है। क्योंकि घटना के बाद सपा नेता ने पुलिस के सामने भी क्षेत्र में नशीली दवाओं की बिक्री का जबरदस्त मुद्दा उठाया था।
शक में मार डाला मां-बाप को। UP Today News
घटना जाकिर नगर में हुई। जहां एक बेटे ने अपने माता-पिता को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसे शक था कि वे उसे मारना चाहते हैं। मन में संदेह के साथ युवक ने बेरहमी से उसे कैंची से गोद लिया। इस हत्याकांड की सनसनीखेज घटना का एक लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
यह घटना जाकिर नगर में हुई। जहां एक बेटे ने अपने माता-पिता को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसे शक था कि वे उसे मारना चाहते हैं। मन में संदेह के साथ युवक ने बेरहमी से उसे कैंची से गोद दिया। इस हत्याकांड की सनसनीखेज घटना का एक लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
इस वीडियो को वायरल होते देख लोग अब उस खांसी की दवाई को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। क्योंकि इसका इस्तेमाल युवा नशे के लिए करते हैं, इसलिए बाजार के जानकारों का कहना है कि इस सिरप की बिक्री को लेकर सरकार का नियम है। सबसे पहले, उनके स्टॉक में 100 से अधिक बोतलें नहीं हो सकती हैं।
आपकी खरीद और बिक्री का एक स्टॉक रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए और वैध चिकित्सा नुस्खे के बिना इसे बेचा नहीं जा सकता है। हालांकि, दवा कारोबारी इस सरकारी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए और इस आदेश पर स्टे लगवा लिया। लेकिन इसके बावजूद बाजार के प्रमुख दवा विक्रेता इसे आज भी बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं देते हैं।
इसे स्थानीय दवा कैबिनेट में युवाओं द्वारा अंधाधुंध रूप से खरीदा और उपयोग किया जाता है। ऐसे में इस शरबत का उस घर में रहना संदेह पैदा करता है। घटना वाले दिन मौके पर पहुंचे सपा नेताओं ने इस मुद्दे को पुलिस के समक्ष उठाया। इलाके में नशीले पदार्थों की जमकर बिक्री होने की बात कही गई थी। उस समय पुलिस ने उस दिशा में ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब मामला सुर्खियों में है।
फार्मास्युटिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू
यह स्पष्ट है कि कोई भी दवा तब तक नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि डॉक्टर से कोई वैध प्रिस्क्रिप्शन न हो। कुछ दवाएं ऐसी होती हैं जिनका लोग गलत इस्तेमाल करते हैं। इस संबंध में ठोस उपाय किए जाने की जरूरत है।
हेमेंद्र चौधरी, मेडिसिन
डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं देनी चाहिए। कुछ दवाओं को लेकर शासन स्तर से मानक तय किए गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने इस संबंध में स्टे ऑर्डर जारी कर दिया है। फिर भी नशा कारोबारियों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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