Uttar Pradesh: कोरोना काल के बाद राज्य में बेसहारा महिलाओं और अनाथों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने संरक्षण गृहों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया। इसे देखते हुए विभाग ने इसे अपने 100 दिवसीय कार्ययोजना में भी शामिल किया था।
UP News के माध्यम से आपको बता दें कि, सरकार राज्य में बेघर और अनाथ महिलाओं के भरण-पोषण के लिए कई शहरों में महिलाओं, लड़कियों और बच्चों के लिए सुरक्षा गृहों की संख्या बढ़ाने जा रही है। इसके लिए महिला कल्याण विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। प्रथम चरण में 13 जिलों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। इसे शीघ्र ही मुख्यमंत्री के समक्ष स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।
दरअसल, कोरोना के बाद राज्य में बेसहारा और अनाथ महिलाओं की संख्या बढ़ने के साथ ही सरकार ने फोस्टर होम की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया था। इसे देखते हुए विभाग ने इसे अपने 100 दिवसीय कार्ययोजना में भी शामिल किया था। लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी विभाग इसका प्रस्ताव तैयार नहीं कर सका। इसी कड़ी में अब कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि कार्ययोजना में बेसहारा महिलाओं और अनाथ बच्चों के लिए आश्रय गृहों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उनमें उपलब्ध सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। हम आपको बता दें कि राज्य के कई जिलों में अभी भी कम आय वाली महिलाओं के लिए पालक गृह नहीं है। राज्य में उपलब्ध कैदी संरक्षण गृह पहले से ही भीड़भाड़ वाले हैं। इसीलिए सरकार ने राज्य के कई शहरों में महिलाओं के लिए आश्रय और नाबालिगों और किशोरों के लिए सुरक्षा गृह बनाने का फैसला किया है।
विभाग लखनऊ सहित कई शहरों में महिला आश्रय गृहों के साथ ही कई शहरों में युवा संरक्षण गृहों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. विभाग की प्रभारी निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने कहा कि जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। दो साल में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन जिलों में महिलाओं के लिए बाल संरक्षण गृह बनाया जाएगा
विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे प्रस्ताव के अनुसार गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद में 100-100 लोगों की क्षमता वाले महिला आश्रय गृह बनाए जाएंगे। इसी प्रकार आगरा में 50 की क्षमता वाले राज्य बाल संरक्षण गृह के अतिरिक्त रायबरेली, कानपुर, मिर्जापुर एवं चित्रकूट में 100-100 की क्षमता का राजकीय अवलोकन (युवा) गृह बनाया जायेगा। इसके साथ ही अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ और अमेठी में एकीकृत आश्रय गृह भी बनाए जाएंगे।